बिहार कोकिला के नाम से मशहूर गायिका डॉक्टर शारदा सिन्हा के निधन की खबर पूरे देश में शोक की लहर पैदा कर गई है। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शारदा सिन्हा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनका योगदान संगीत जगत में अविस्मरणीय रहेगा। शारदा सिन्हा ने अपने मधुर स्वर में बिहारी लोक गीतों को मैथिली और भोजपुरी में गाकर न केवल बिहार बल्कि समूचे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
पद्म पुरस्कार से सम्मानित शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहीं। मंगलवार को दिल्ली के एम्स में उन्होंने देर शाम को आखिरी सांस ली। सोमवार की शाम को ही उनकी तबीयत अधिक बिगड़ गई थी और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। मंगलवार को उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। इस खबर ने देशभर में उनके शुभचिंतकों को झकझोर कर रख दिया। शारदा सिन्हा के गाए छठ गीत अभी हर तरफ बज रहे हैं और इस महापर्व के बीच में उनके देहांत की खबर से प्रशंसकों में मायूसी छायी है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आज छठ पूजा के पावन अवसर पर शारदा सिन्हा के मधुर गीत देश-विदेश में भक्ति का अलौकिक वातावरण बना रहे होंगे। उन्होंने वर्ष 2018 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया, जो उनकी कला और योगदान का एक प्रमाण है।
डॉक्टर शारदा सिन्हा का संगीत केवल मनोरंजन नहीं था, बल्कि यह संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। उनके गाए हुए गीतों में लोक जीवन की खुशबू और भावनाएं बसी हुई थीं, जो उन्हें खास बनाती थीं। राष्ट्रपति मुर्मू ने उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं, जो इस कठिन समय में उनके साथ हैं।
उनका सुमधुर गायन सदियों तक अमर रहेगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। शारदा सिन्हा के निधन से भारतीय संगीत की एक महान हस्ती का निधन हो गया है, जो संगीत प्रेमियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी।